23 साल की रखैल की डायरी-1

(यह कहानी मुझे www.yourtango.com पर मिली.. लेखिका हैं एमिली रोजेन..मेरा इसमें कुछ नहीं..सिर्फ अनुवाद)

मैं उसके ऑफिस में थी, अपने घुटनों पर गलीचे की रगड़ से पैदा हुई जलन संभाले हुए..क्योंकि उसने खुद मेरे ऊपर आकर मुझे बुरी तरह आगे-पीछे धकेला था.. बुकशेल्फ और उसकी मेज पर मैं उसकी पत्नी की फोटो को मुस्कराते और हंसते हुए देख सकती थी..जब मैंने उन्हें उस शाम पहली बार देखा तो पहली बार भाग जाने का मन हुआ था.. लेकिन इसके बजाय मैं रुक गई..मैं जो अपनी शख्सियत बनते देख रही थी, उस पर मुझे उल्टी भी आ रही थी.. वह इतना मोहक था और उसकी मौजूदगी दिलोदिमाग पर इस कदर छा जाती थी कि इस बात ने मेरे कदम रोक लिए..पूरी ईमानदारी से कहूं तो मुझे अपनी इच्छाशक्ति पर इतना अभिमान कभी नहीं रहा था और मुझे वह उसके प्यार में बंधने से रोक भी नहीं सकी..

हम पहली बार एक बिजनेस कांफ्रेंस में मिले थे..तब मैं 23 की थी और कॉलेज से निकली ही थी.. वो बिल्कुल मेरे पास बैठा मुस्करा रहा था.. नजर ऐसी कि मेरे बाएं गाल पर जलन महसूस होने लगी.. काले बाल, बकरे जैसी दाढ़ी और चेहरे के एक तरफ निशान.. मैंने अपनी स्थिति कुछ बदली ताकि इस अनजान से शख्स के साथ यूं एकदम जिस्मानी हालात का सामना न करना पड़े..पर हमारे जिस्मों की भाषा में जुंबिश शुरू हो चुकी थी..

वह शुरू से ही जिद्दी था और ये गुण मुझे उसमें काफी सेक्सी लगा था.. उसने पूरी बेतकल्लुफी के साथ मेरे ही बॉस के सामने मुझे ड्रिंक के लिए आमंत्रित किया... मुझे लगा था कि शायद वो अभी तक सिंगल ही था क्योंकि उसने अपनी पिछली पत्नी का जिक्र किया था और फिर मैं ये जानकर काफी निराश हुई जब उसने बताया कि वह दूसरी बार शादी कर चुका था..ड्रिंक के बाद उसने पूछा कि आज रात हम किस होटल में चल रहे हैं... मुझे यह बेहद हास्यास्पद लगा.. 'तुमसे मिलकर बेहद खुशी हुई'..मैंने उससे कहा.. इसके बाद उसने मुझे ड्रॉप कर दिया...

कुछ ही दिन बाद उसने फ्लर्ट करना शुरू कर दिया.. वो लगातार मेरे बॉस को ईमेल भेजता और उसकी एक कॉपी मुझे कर देता... अगर मैं कहूं कि मैं उसके अगले कदम का बेकरारी से इंतजार नहीं कर रही थी तो ये बात झूठ ही होगी.. जब उसने दोबारा मुझे ड्रिंक के लिए कहा तो मेरा मन हुआ कि न कर दूं.. लेकिन मुझे खुद के सही होने का भरोसा था कि मैं जो करूंगी ठीक ही होगा..मैंने सोचा चूंकि मैं खुद कभी किसी को धोखा नहीं देती तो उसके साथ एक ड्रिंक लेने में हर्ज ही क्या है और वह इतने वक्त से मेरे चारों तरफ चक्कर जो काट रहा था.. लेकिन भीतर ही भीतर कहीं मुझे पता था कि मेरे लिए मुसीबत खड़ी होने वाली थी..एक शादीशुदा शख्स के साथ डेटिंग के ख्याल से ही मुझे अपनी पिछली सभी डेट वाली रातें बच्चों का खेल नजर आने लगी थीं..

मुझे काफी राहत मिली जब मैंने उसे रेस्टोरेंट में आते देखा.. कांफ्रेंस का तनाव कहीं गायब हो चुका था.. मैंने सोचा - 'वह शायद ज्यादा देर तक टिकेगा'.. लेकिन एक, दो और तीन ड्रिंक और इसके बाद सब ठहर गया...

हमारी कैब हमें घर की तरफ लेकर उड़ चली..सड़कों की रोशनी धुंधली पड़ती जा रही थी.. रफ्तार अमूमन से ज्यादा तेज लग रही थी.. हम एक दूसरे को काफी देर तक चूमते रहे..इस हद तक कि होटल के फेंसी लाउंज के बाहर जा गिरे..और जब उसने मेरी पेंट उतारकर हाथ अंदर डाला तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैं इतनी कमजोर थी..वह इसे नहीं जानता लेकिन मैं उस रात अपने बाथरूम में गिरकर रोती रही थी..मुझे उसके घर मौजूद उसकी पत्नी का ख्याल आया..और यह भी कि कैसे मैं खुद पर काबू न रख सकी.. 'क्या मैं इस तरह की शख्स हूं जो एक शादीशुदा के साथ डेटिंग कर रही थी'..मुझे काफी ताज्जुब हुआ.. मैं इतना अपराध बोध से भर गई, इतना अपराध बोध से भर गई कि मुझे उसमें मजा आने लगा..

इस रात के बाद मैंने उसे लिखा कि ऐसा अब कभी नहीं होगा.. 'अगर तुम ऐसा चाहती हो' उसने लिखा 'तो मुझे बताओ कि क्या सचमुच तुम्हारा ख्याल बदल गया है'.. मैं 'नहीं' नहीं कहना चाहती थी लेकिन मैं जानती थी कि मुझे एक शादीशुदा शख्स को डेट नहीं करना चाहिए.. पर उसे जल्द ही पता चल गया कि आखिर मैं कैसे और क्या सोच रही थी..अब सारा दोष मेरे मत्थे था.. मुझे कम से कम यही लगता था.. एक लोकल जैज क्लब में हमारी अगली डेट के बाद मैं उसके साथ उसके घर गई..

उसके बिस्तर पर, उसके कपड़ों में घुसते ही मुझे लगा कि वो मुझ पर ही नजर गड़ाए है.. मद्धम रोशनी में वह काफी खूबसूरत लग रहा था.. मैं जानती थी कि वो मुझसे बड़ा था लेकिन ये नहीं जानती थी कि कितना.. उसके बिस्तर पर मैंने उसकी उम्र पूछी.. '45'.. उसने काफी ध्यान से सोचते हुए जवाब दिया.. जैसे ही वह मेरे ऊपर झुका, मुझे खुद से दोगुनी उम्र के शख्स के साथ होने का रोमांच महसूस होने लगा..

अगली सुबह दिन चढ़ने पर मैं उठी.. मैंने देखा कि उसकी शादी की अंगूठी उस उंगली में थी जिसने उसके (उसकी बीवी के) बिस्तर पर मेरे बदन को छुआ था..भूरे रंग के ऊंची हील के जूते जो मै हॉल के रास्ते में छोड़ आई थी, अब बेडरूम में थे.. क्या उसे चिंता सता रही थी कि वो जल्द ही वापस लौट सकती थी और उन्हें देख सकती थी.. दीवाल पर मौजूद उनकी शादी के फोटोग्राफ ने मुझे तुरंत याद दिलाई कि कुछ देर पहले क्या हुआ था.. मैं कभी ये नहीं जानना चाहती थी कि वह देखने में कैसी लगती होगी..मैंने इस बात से अपना ध्यान हटाने की कोशिश की कि अगर मैं उसके बारे में जरा भी जान गई तो शायद उसकी तरफदार हो जाऊंगी.. मैंने कपड़े पहने और पूरी नफरत और उसके पति के साथ घर से निकल गई..

तीन महीने बीत गए.. साफ था कि उसकी बीवी के बारे में जानकारियां भी मुझे उसके पति से मिलने से नहीं रोक सकती थीं.. हफ्ते में एक बार मुलाकात से तसल्ली नहीं मिलती थी.. 'हेलो' और 'गुडबाय' के फोन घंटे-घंटे भर की बातचीत में तब्दील हो जाया करते.. छोटे-छोटे एसएमएस अब 'आय मिस यू' और 'आय वांट यू' से बदलकर 'आय लव यू' में बदल गए.. मुझे चिंता होने लगी कि हम कहां आ पहुंचे थे और कहां जा रहे थे..

उसने मुझे बताया था कि कुछ ऐसी चीजें थीं जो वह (बीवी) उसे नहीं दे सकती थी.. 'मुझे केवल बच्चे नहीं चाहिए, मुझे उनकी जरूरत है'.. उसने रेड वाइन को पीते हुए एक बातचीत के दौरान यह बात कही थी.. जबकि उसकी बीवी बच्चे नहीं चाहती थी.. उसने मुझे बताया वह मेरी वजह से इस नतीजे पर पहुंचा था.. मुझे लगा कि शायद शादी से पहले उन्होंने कभी भी एक परिवार बनाने के बारे में नहीं सोचा था.. न उस पर कभी बात की थी.. लेकिन मैं उसकी बीवी के बारे में खामोश रही.. मैं इस बारे में फैसला देने वाली कौन थी..

मेरे सामने यह एकदम साफ था कि उसके ये ख्यालात उसके अपनी पत्नी से रिश्तों को तार-तार कर रहे थे.. मुझे ताज्जुब हुआ कि मेरी तरफ उसका खिंचाव क्या उसकी इस स्थिति से ध्यान बंटाने की कोशिश भर थी या मैं उसकी जिंदगी में उसे इसी सच का सामना कराने के लिए आई थी..

आखिर उन दोनों ने खुद को शादी के बंधनों से मुक्त करने का फैसला ले लिया था..दोनों ने तय किया था कि अगर उनमें से किसी का अफेयर होगा तो वो दूसरे को नहीं बताएगा.. जहां तक मैं जानती हूं, वह मेरे बारे में नहीं जानती थी.. लेकिन उसके पति को इस बात की कतई चिंता नहीं थी कि उसे मेरा पता चले.. ये ऐसा ही था कि वो दोनों साथ तो रहते थे लेकिन अपनी-अपनी जिंदगियों में मुब्तिला..

8 महीने बीत चुके हैं.. एक दिन उसने मुझे मैसेज किया और कहा - 'हम बीत रही शाम के सितारे जैसे हैं, जो एक खतरनाक रिश्ते से उबर पाने में नाकाम हैं '.. हमारे भावनात्मक, बौद्धिक, आध्यात्मिक और सेक्सुअल रिश्ते से इनकार नहीं किया जा सकता.. ये इतना ताकतवर रिश्ता है कि बेशक वो शादीशुदा है पर मुझे किसी दूसरे शख्स का साथ पसंद नहीं.. दूसरे सभी इस मामले में कमतर लगते हैं.. (क्रमश:)

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