जेड की मौत का इंतजार था हमें!
क्या जेड गुडी की मौत में कुछ ऐसा अनूठा है, जो उसे दूसरी मौतों से अलग करता है... मौत तो मौत है...एक ही ढंग से दबोचती है...वजह चाहे जो हो... शायद कुछ ऐसा जरूर था जेड की मौत में... ये अनोखापन था उसकी मौत का इंतजार... जेड के जाने के बाद ये इंतजार खत्म हो गया है... जेड ने मौत के इस ऑब्सेशन को अलविदा कह दी है... हमें किसी नए इंतजार के लिए छोड़ दिया है...
पहली बार जब जेड को पता चला कि उसे ऐसा कैंसर है जो उसकी जान लेकर छोड़ेगा... तब उसने डॉक्टरों से यूथेनेसिया की अपील की थी.. लेकिन एक मां इस तरह अपने दोनों मासूम बच्चों को अलविदा नहीं कह सकती थी... इसलिए वो लड़ी...ये जानते हुए भी कि ये लड़ाई कुछ हफ्ते ही चलेगी...
जेड के बेटे बॉबी और फ्रेडी अभी ये नहीं समझ सकते कि उनकी मां किस हादसे की शिकार हुई है... उन्हें ये भी पता नहीं कि कैमरे के सामने जिंदगी जीने की आदी उनकी मां ने अपनी मौत से पहले उनके लिए जिंदगी का सामान इकट्ठा कर दिया है...
हर दूसरे घंटे दर्द से निपटने के लिए जेड को पेनकिलर्स लेनी पड़ती थीं... जैक ट्वीड के साथ शादी की रात जेड के घर के बाहर हर वक्त एक एंबुलेंस तैयार थी... जेड हर चीज के लिए तैयार थी... इस हद तक कि अगर उसकी मौत उससे बेवफाई करती तो शायद उसे मुंह दिखाने लायक न छोड़ती...
जेड ने अपनी मौत से पहले सभी अधिकार बेच दिए थे... 22 फरवरी को हुई उसकी शादी को टीवी चैनल लिविंग ने दो हिस्सों में दिखाया... टीवी पर होने वाली दुल्हन ने कुछ शो भी किए...ओके मैग्जीन को उसने अपनी मौत से पहले श्रद्धांजलि इश्यू छापने की इजाजत दी...अपने आखिरी शब्दों के साथ...
जेड के बेटे बॉबी और फ्रेडी अभी ये नहीं समझ सकते कि उनकी मां किस हादसे की शिकार हुई है... उन्हें ये भी पता नहीं कि कैमरे के सामने जिंदगी जीने की आदी उनकी मां ने अपनी मौत से पहले उनके लिए जिंदगी का सामान इकट्ठा कर दिया है...
हर दूसरे घंटे दर्द से निपटने के लिए जेड को पेनकिलर्स लेनी पड़ती थीं... जैक ट्वीड के साथ शादी की रात जेड के घर के बाहर हर वक्त एक एंबुलेंस तैयार थी... जेड हर चीज के लिए तैयार थी... इस हद तक कि अगर उसकी मौत उससे बेवफाई करती तो शायद उसे मुंह दिखाने लायक न छोड़ती...
जेड ने अपनी मौत से पहले सभी अधिकार बेच दिए थे... 22 फरवरी को हुई उसकी शादी को टीवी चैनल लिविंग ने दो हिस्सों में दिखाया... टीवी पर होने वाली दुल्हन ने कुछ शो भी किए...ओके मैग्जीन को उसने अपनी मौत से पहले श्रद्धांजलि इश्यू छापने की इजाजत दी...अपने आखिरी शब्दों के साथ...
डायना की मौत में भी हमने मौत को दबे पांव आते देखा था...हमें इंतजार था उसका... लेकिन तब वक्त बेहद कम था...इसलिए रोमांच भी कम था... इस बार रोमांच ज्यादा था क्योंकि अभी वक्त था...
लेकिन मौत का ये ऑब्सेशन बिल्कुल वैसा ही था जैसे मध्यकालीन यूरोप में गिलोटीन के जरिए इंसानी सिर को हवा में लहराते देखने भीड़ इकट्ठी होती थी...गिलोटीन पर मौजूद अपराधियों का भीड़ से नफरत का ही रिश्ता होता था... लेकिन दोनों एकदूसरे की मौजूदगी चाहते थे... इस बार गिलोटीन पर मौजूद शख्स ने भीड़ को अपनी मौत देखने की इजाजत दे दी थी... जेड जानती थी कि वो क्या कर रही थी...वो भीड़ की उसी भूख को शांत कर रही थी...क्योंकि उसकी जिंदगी उसे जितना न दे सकी, मौत उसे दे सकती थी...उसके बच्चों के लिए... शायद यही वजह है कि वो अपने बच्चों के लिए इतना छोड़ गई है कि वो अपनी उम्र के 16वें साल तक आराम से पढ़ सकेंगे...
टीवी चैनलों के लिए ये दिन-रात के क्रिकेट मैच जैसा मौका था... जीतेजी जेड को श्रद्धांजलि... इससे भी ज्यादा खुद जेड का पब्लिसिटी मैनेजर मैक्स क्लिफोर्ड जेड की मौत का बेसब्री से इंतजार कर रहा था... नई स्टोरी पका रहा था कि कैसे मीडिया का पेट भरा जाए... आसन्न मृत्यु से पहले जेड की जिंदगी का हर पल कीमती था... जेड की तमन्ना के बावजूद उसकी मौत का सीधा प्रसारण मुमकिन नहीं हो सका...क्योंकि कुछ सिरफिरों ने उसे ऐसा न करने के लिए मना लिया था...फिर भी ओके मैग्जीन के साथ करार के एवज में मौत के धागे से लटकती जेड ने 1.4 मिलियन पॉन्ड तो कमा ही लिए थे...
कैंसर से जूझ रही जेड गुडी की कुछ तस्वीरें विचलित करने वाली थीं...इस बात का अहसास कि उसके दो बेहद छोटे बच्चे उससे जल्द ही जुदा हो जाएंगे...लोगों को कचोटती थी... लेकिन मौत की पदचाप सुन रही जवान लड़की के पीछे लगे कैमरों की चाहत क्या बस इतनी ही थी...कि लोग किसी ऐसे शख्स के बारे में जानें, जो इतनी बेबस है...
नहीं... बस इतना नहीं था...और भी कुछ था... जेड गुडी मिडिल क्लास एंटरटेनमेंट बन चुकी थी...लगातार शरीर को क्षीण होते दिखाने वाली जेड की तस्वीरें मौत की घोषणा कर रही थीं...मौत के बाजार में... और टेलीविजन ये तस्वीरें खरीदने को तैयार था...
अगर 27 साल की गुड़ी बेवक्त छीनी गई है तो गुडी ने भी इसका भरपूर बदला लिया है...अपनी मौत बेचकर...हमारा इंतजार भी खत्म हुआ क्योंकि हम इस टेलिवाइज्ड मौत को नहीं गंवाना चाहते थे...
टिप्पणियाँ
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heard that it is much more superior than the Google's indic transliteration..!?
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Jai...Ho....