बेच सकते हैं 'पाप'?

मार्केटिंग का सबसे बड़ा पैमाना क्या है (अगर आप पोर्नोग्राफी के बिजनेस में नहीं हैं तो)- पोर्नोग्राफी के पैमाने पर अपना प्रोडक्ट बेचने की क्षमता.. यह एक चुनौती है जिसे कोई भी मार्केटिंग प्रोफेशनल स्वीकार करता है..हालांकि यह अलिखित है मगर समझदारी यही है कि अगर आप अपना प्रोडक्ट पोर्न प्रोडक्ट के बराबर ताकतवर नहीं बना पाते तो शायद वो नहीं बिकेगा.. वजह है कि सेक्स बिकाऊ है..पोर्न का मार्केट किसी भी प्रोडक्ट के मार्केट से बहुत बड़ा है..10 बिलियन से 14 बिलियन डॉलर का..(फॉरेस्टर रिसर्च) और यह बाजार पूरी तरह लाभ का है.. यहां कोई लुढ़कता नहीं, कोई मंदी नहीं.. (पता नहीं ये कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं या नहीं)

ये मेरा ख्याल है जो शायद बहुत से लोगों को पूरी तरह सही न लगे.. अच्छा भी न लगे लेकिन फ्रायड के वंशज इस बात से जरूर सहमत होंगे..

अपनी बात के समर्थन में मैं एक सर्वे के कुछ आंकड़े पेश कर रहा हूं..(ये बात अच्छी तरह जानते हुए कि कोई भी सर्वे सच का अंश ही बता सकता है, पूरा सच नहीं..मगर किसी भी कल्पना से तो बेहतर ही होगा).. शिकागो यूनिवर्सिटी का नेशनल ओपिनियन रिसर्च सेंटर 1972 से जनरल सोशल सर्वे कराता रहा है.. इसके आंकड़े अमेरिकी समाज के बदलते मूड को बताने वाले सबसे ज्यादा प्रामाणिक स्रोत माने जाते हैं.. 1973 से 2000 के आंकड़े बताते हैं कि 1973 में हाईस्कूल से नीचे के 17.8 फीसदी बच्चों ने पोर्न फिल्म देखी थी तो 2000 तक उनका फीसद 22.9 हो चुका था..ग्रेजुएट उपभोक्ता कुछ स्थिर हो गए थे.. 1973 में 40.9 के मुकाबले 2000 में उनका प्रतिशत हो गया था 23.7... चाहे शादीशुदा हों या नहीं, या फिर विधवा-विधुर सभी के लिए पोर्न मार्केट मौजूद रहा है..पुरुषों के मुकाबले (1973 में 32 के बजाय 2000 में 32.3 फीसदी) महिलाओं की तादाद कुछ कम (1973 में 21 के मुकाबले 2000 में 17.9 फीसदी) हुई है.. (पूरी रिपोर्ट - http://www.pbs.org/wgbh/pages/frontline/shows/porn/business/haveseen.html)

ये तो मुजाहिरा है पोर्न के उपभोक्तावर्ग का.. बेशक ये अमेरिकी तस्वीर है, लेकिन हिंदुस्तान में अगर सर्वे नहीं हुआ तो इसका मतलब यह कतई नहीं कि यहां देह के शौकीन उपभोक्ता नहीं हैं..अगर ऐसा न होता तो मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म्स पर उसकी बिक्री इतनी नहीं होती..एनसीआरबी के व्यभिचार के आंकड़े आसमान न छू रहे होते.. (हाल ही में जबरन बंद की गई सविता भाभी वेबसाइट की याद आई आपको?)..

जब उपभोक्ता है तो यकीनन बाजार भी होगा ही.. और यह सच भी है.. सीएनबीसी ने पोर्न बिजनेस पर अपनी गहरी पड़ताल के बाद कुछ ऐसे खुलासे किए कि शायद आप भी चौंक जाएंगे..

"Pornography has been around since the time of the caveman" and that "it's a $13 billion industry where the bottom line has always been sex sells."

सीएनबीसी रिपोर्टर मैलिसा ली की पोर्नस्टार जैसी जेन से मुलाकात

मार्केटिंग का एक उसूल एकदम साफ है-एग्रेसिवनेस.. चाहे जो हो उस उपभोक्ता तक पहुंचना है जो प्रोडक्ट का या तो इंतजार कर रहा है.. या इस बात का कि ऐसा प्रोडक्ट आए.. ऑनलाइन पोर्न उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने वाली दुनिया की मशहूर कंपनी डैनीज़ हार्ड ड्राइव के डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग सैम एगबूला क्या कह रहे हैं, जरा इस पर भी नजर डालें..

We're very profitable ourselves. We don't make as much profit as we could because we're picky about how we do things. We'll have a model in for a day and maybe get 20-40 stills out of that day. There are people who are getting a thousand stills on a digital camera. But I would say that profits of 30 percent plus were relatively commonplace.... I'd say we're on the very top tier...
(डैनीज हार्ड ड्राइव की सीईओ डैनी का इंटरव्यू- http://www.pbs.org/wgbh/pages/frontline/shows/porn/interviews/ashe.html)

अगर और आंकड़े हासिल करने की तमन्ना है.. तो जरा कुछ गूगल कीजिए.. और आपके सामने कई सवालों के राज खुलेंगे .. मसलन क्या हार्ड कॉपी के मुकाबले इंटरनेट पर पोर्न का सर्कुलेशन ज्यादा है.. (http://www.sics.se/~psm/kr9512-english.html) प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियां किस तरह माल बेचती हैं.. बाजार का पता कैसे लगाया जाता है.. सॉफ्ट और हार्ड पोर्न क्या है.. कानून क्या कहते हैं.. और क्या होने वाली है कुछ साल बाद की तस्वीर.. भूल जाइए संस्कृति पर हमले का आलाप..सिर्फ जानिए कि आपके बच्चे क्या देख रहे हैं और उनके लिए बाजार खुद को किस तरह कस्टमाइज कर रहा है.. क्योंकि एडल्ट साइट पर जाने वाले लोगों में 20-30 फीसदी तक बच्चे हैं.. (http://www.forbes.com/2001/05/25/0524porn.html)

ताजा बहस इस बात पर है कि पोर्नोग्राफी और कला यानी आर्ट को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता.. और अगर आप पोर्नोग्राफी पर रोक लगाते हैं तो यह कला पर प्रतिबंध होगा.. जो समाज को आकार-प्रकार देने, उसकी सोच को आगे बढ़ाने, उसे विकसित करने का काम करती है.. पोर्नोग्राफी (या कला के) हिमायती कहते हैं कि किसी भी देश में अगर ऐसा कानून बनाया जाता है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा..इनका कहना है कि पोर्नोग्राफी के अकादमिक मूल्यों को सहेजकर रखना होगा..

मगर एक सवाल पूछा जाएगा और जरूर पूछा जाना चाहिए कि आखिर पोर्न प्रोडक्ट में ऐसा क्या है, जिसे हर मार्केटिंग प्रोफेशनल कॉपी करना चाहता है.. वह क्या इन्ग्रेडिएंट्स होते हैं जो पोर्न हाथों-हाथ बिकने की ताकत रखता है, जबकि आपका साबुन, तेल, किताब, वाहन और मकान नहीं.. अगर एक लाइन में कहना हो तो बस यूं समझिए कि - इनमें सेक्स नहीं है.. यानी ये चीजें तभी बिक सकती हैं जब वो सेक्सी हों..(ये जुमले आजकल यूं ही नहीं चल रहे - बड़ी सेक्सी कार है, बड़ी सेक्सी बिल्डिंग है..आदि-आदि)

अगर आप संभावित पोर्न उपभोक्ता हैं तो पहले आपको एक झलक मुहैया कराई जाती है.. इसके बाद आपकी खिदमत में कुछ मुफ्त वीडियो क्लिप्स पेश की जाती हैं.. अगर आप मुतमईन हैं तो फिर अगला चरण है मुफ्त रजिस्ट्रेशन.. आप अपना कोई भी फर्जी नाम रखकर इस दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं..ये पे पर क्लिक का ऑनलाइन बिजनेस है.. इसके अलावा अगर आप क्वालिटी प्रोडक्ट और कुछ सुविधाएं चाहते हैं तो ढेरों विकल्प मौजूद हैं..

पोर्न प्रोडक्ट की सबसे बड़ी खासियत है.. आपकी उस प्रोडक्ट के लिए उपयोगिता, उपादेयता की पहचान.. इसी के मुताबिक कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट आपको दिया जाता है.. आप जो चाहते हैं अपने लिए वैसी ही चीज होगी.. चाहे वो वीडियो हो, पिक्चर हो, टैक्स्ट हो या फिर देह.. इतना कस्टमाइजेशन और वैरायटी शायद ही आप किसी दूसरे उपयोगी प्रोडक्ट में पाएंगे..दूसरी चीज है इस प्रोडक्ट की पहुंच.. अगर आप आयलैंड पर भी हैं तो वहां भी ये पहुंच सकता है.. हर मीडिया प्लेटफार्म पर यह मौजूद है.. स्टैंडर्ड का कोई प्रश्न ही नहीं है.. अगर आप मुफ्त पा रहे हैं तो भी उसके स्टैंडर्ड का ख्याल रखा जाता है.. साथ ही टैक्नीकल एडवांसमेंट.. और इन सब पर बाकायदा नियंत्रण और सुधार..

इसे पोर्न मार्केटिंग की वकालत न समझा जाए... मंतव्य महज इतना है कि दुनिया भर में मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के सामने पोर्न एक चुनौती खड़ी करता है.. और जो पोर्न ट्रेड में नहीं हैं वो तमाम कारीगरी करने के बावजूद अपना प्रोडक्ट पोर्न प्रोडक्ट की लोकप्रियता के बराबर खड़ा नहीं कर पाते.. हां, अगर वो अपना माल बेचने के लिए इसे कॉपी करते हैं तो या तो उन्हें ब्लैकलिस्ट होना पड़ता है या फिर मार्केट से बाहर.. यानी अगर आप पाप का कारोबार नहीं कर सकते तो कृपया पाप के कारोबार से कुछ सीखें.. क्या आपका प्रोडक्ट इतना 'सेक्सी' है कि वो बिक जाएगा?

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