डिजेस्टर टूरिज्म का नाम सुना है?

जी हां, मैं पूछ रहा हूं कि डिजेस्टर टूरिज्म का नाम सुना है आपने... शायद न सुना हो तो बता देता हूं... वो टूरिज्म जो अभी बिल्कुल बाल अवस्था में है... टूरिज्म यानी पर्यटन की वो शाखा जिसमें आप किसी ऐसे स्थान पर जाते हैं... जहां लोग किसी भारी विपदा या प्राकृतिक आपदा से दो चार हों...
हाल ही में दिल्ली ब्लॉगर्स की एक पोस्ट को देखा तो लगा कि एक अनोखा ही ट्रैंड चल पड़ा है... अब लोग उन जगहों की यात्रा पर पर्यटन पर निकल रहे हैं... जहां लोग या तो प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हैं या फिर आदमी की खुद बनाई किसी मुसीबत से... इसी पोस्ट पर जिक्र था लखनऊ के पास एक जगह का जहां लोगों के घर पानी में डूब गए हैं... वहां लोग अपने परिवार सहित गाड़ियों में बैठकर पहुंच रहे हैं... ठेलेवाले आइसक्रीम और चाट के ठेले लगाकर खड़े हो गए हैं... माल बिक रहा है... ऐसे ही एक व्यक्ति राजीव से उस ब्लॉगर ने सवाल किया कि कैसे वहां आना हुआ? राजीव नाम के इस शख्स ने अपने बेटे को ठेलेवाले से एक आइसक्रीम लेकर बेटे को देते हुए कहा... मैं चाहता था कि मेरा बेटा भी देखे कि पानी में डूबे लोगों के घर क्या कैफियत पैदा करते हैं... और कैसे लोग उससे जूझते हैं... ये तो रही एक बात...
इसी कहानी को दूसरा विस्तार देना चाहूंगा... आज ही के टाइम्स ऑफ इंडिया में एक नीदरलैंड के जोड़े की खबर है... जो दिल्ली में गफ्फार मार्केट पहुंचा... आतंकी धमाकों के बाद... वो लोग आगरा से ये देखने आए हैं कि आखिर दिल्ली में उन जगहों पर क्या हुआ जहां बम फटे... कैसे दिल्ली इन धमाकों के दंश को झेल रही है... यानी पुलिस और पत्रकार के अलावा अब सरकार को उन लोगों का भी ध्यान रखना होगा जो त्रासदी के बाद इन जगहों के दौरे के लिए जाते हैं... महज उस रोमांच को महसूस करने जो दूसरे झेल रहे हैं... जिंदगी और मौत के संघर्ष को पास से देखने ताकि वो इनके प्रति असंवेदनशील हो सकें... अच्छी तरह... क्योंकि ये तो कहा नहीं जा सकता कि अगली बार आपका नंबर नहीं आ सकता...

टिप्पणियाँ

सोतड़ू ने कहा…
भाई ये भी तो हो सकता है कि वो लोग त्रासदी को महसूस करना चाहते हों, जो टीवी पर चिल्लाते एंकरों, बाढ़ के किनारे से कैमरा घुमाते रिपोर्टरों-कैमरामैनों और लफ्फाज़ स्क्रिप्ट राइटरों के ज़रिये न कर पाते हों....
क्या तू बिहार की बाढ़ को, दिल्ली विस्फोट स्थल को उस कदर महसूस कर पा रहा है जितना मौके पर पहुंचकर कर पाता ?
Ek ziddi dhun ने कहा…
ajya bhai, aapki bechaini vajib hai. atmkendrit samuday kee besharmee badhee hai. vistaar se tippani jald

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